क्रिकेट खेल में कितने अंपायर होते हैं?

Cricket Me Kitne Umpire Hote Hai: क्रिकेट मैच में सामान्यत: दो अम्पायर होते हैं। एक अम्पायर गेंदबाजी करते समय बॉलिंग स्ट्राइक पर खड़ा होता है, और दूसरा अम्पायर बैट्समैन के सामने, अक्सर स्क्वेयर लेग के पास, खड़ा होता है। इन दोनों अम्पायरों की मुख्य कामना होती है मैच के नियमों का पालन करना और न्याय की सुनिश्चित करना। हम इस लेख में आपको क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं और उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताएगा।

Cricket Me Kitne Umpire Hote Hai

क्रिकेट मैच में कितने अंपायर होते हैं?

मॉडर्न क्रिकेट मैच में दो से अधिक युम्पायर होते हैं। उदाहरण के लिए, टेस्ट मैच में चार युम्पायर होते हैं: दो मैदानी युम्पायर, एक तीसरा युम्पायर जिसके पास वीडियो पुनर्प्रदर्शन की सुविधा होती है, और एक चौथा युम्पायर जो मैच की गेंदों का ध्यान रखता है और मैदानी युम्पायरों के लिए पानी लेकर आता जाता है।

क्रिकेट में विभिन्न प्रकार के अम्पायरों का विवरण निम्नानुसार है:

फ़ील्ड पर अम्पायर (On-field umpires): ये दो अम्पायर होते हैं जो खेल के मैदान पर फैसले लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे यह तय करते हैं कि गेंद कानूनी है, कि क्या बैटमेंट आउट है और कि क्या फील्डिंग टीम ने कोई उल्लंघन किया है:

तीसरा अम्पायर (Third umpire): यह अम्पायर टेलीविजन कमेंट्री बॉक्स में बैठता है और वीडियो प्लेबैक का उपयोग कर सकता है। तीसरे अम्पायर को बुलाया जा सकता है जब फ़ील्ड पर करार बैठाने योग्य फ़ैसले के लिए बहुत संघर्षित मामले होते हैं, जैसे कि क्या कोई कैच लिया गया है या क्या गेंद स्टम्प्स को छूकर गई है।

चौथा अम्पायर (Fourth umpire): यह अम्पायर मैच की गेंदों का ध्यान रखता है और फ़ील्ड पर कार्यरत अम्पायरों के लिए पानी का इंतज़ाम करता है। चौथे अम्पायर को तीसरे अम्पायर को वीडियो प्लेबैक के साथ सहायता करने के लिए भी बुलाया जा सकता है।

क्रिकेट मैच में अम्पायरों की संख्या मैच के प्रारूप पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, T20 मैच में आमतौर पर केवल दो अम्पायर होते हैं, जबकि टेस्ट मैच में चार होते हैं।

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रेफरी और अंपायर में क्या अंतर होता है?

रेफरी और अंपायर दोनों क्रिकेट में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं, लेकिन उनके कार्यों में कुछ अंतर होता है:

अंपायर (Umpire): अंपायर मैच के मैदान पर नियमों का पालन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनका मुख्य कार्य होता है मैदान पर फैसले लेना, जैसे कि गेंद को लीगल या नॉन-लीगल मानना, बैटमेंट को आउट घोषित करना, फील्डिंग टीम के उल्लंघनों को ध्यान में लेना आदि। अंपायर सीधे मैदान पर खड़े होते हैं और ये तत्वव्यूह के नियमों को लागू करते हैं।

रेफरी (Referee): रेफरी मैच के व्यवस्था और खेल के नियमों का पालन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। रेफरी का मुख्य कार्य होता है खेल के नियमों के पालन का निरीक्षण करना, मैच के दौरान उपस्थित टीमों और अंपायरों को नियमों के बारे में संज्ञान देना, विवादित फैसलों पर निर्णय लेना आदि। रेफरी अक्सर मैदान के बाहर बैठे होते हैं और वे मैच के नियमों के पालन का मुख्य जिम्मेदार होते हैं।

अंपायर मैदान पर नियमों के पालन का जिम्मेदार होते हैं और फैसले लेते हैं, जबकि रेफरी मैच के नियमों के पालन का निरीक्षण करते हैं और विवादित मामलों पर निर्णय लेते हैं।

क्या आप क्रिकेट अंपायर बन सकते हैं?

क्रिकेट अंपायर बनने का पहला कदम है अपने क्षेत्र में एक क्रिकेट संघ खोजना और उनसे संपर्क करके उनके अंपायरिंग पाठ्यक्रम के बारे में पूछना। जब आप अंपायरिंग पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं, तो आपको प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए एक परीक्षा पास करनी होगी। प्रमाणीकृत होने के बाद, आप स्थानीय क्रिकेट मैचों के अंपायरींग की शुरुआत कर सकते हैं।

यदि आप क्रिकेट अंपायर बनने में रुचि रखते हैं, तो मैं आपको सलाह दूँगा कि आप पहले ही खेल और अंपायरिंग प्रक्रिया के बारे में जितना संभव हो सके जानें। आप अपने स्थानीय क्रिकेट संघ से भी संपर्क करके उनके अंपायरिंग पाठ्यक्रम और प्रमाणीकरण प्रक्रिया के बारे में अधिक जान सकते हैं।

क्रिकेट अंपायर बनने में शामिल कुछ चरण निम्नलिखित हैं:

क्रिकेट के नियम सीखें। यह किसी भी अंपायर के लिए आवश्यक है, क्योंकि आपको खेल के नियमों के आधार पर सही फैसले लेने की क्षमता होनी चाहिए।

अंपायरिंग के विभिन्न प्रकार को समझें। अंपायरिंग के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि मैदान पर अंपायर, तीसरा अंपायर और मैच रेफरी। प्रत्येक प्रकार की अंपायरिंग के अपने खास कार्य होते हैं।

अंपायरिंग पाठ्यक्रम लें। अधिकांश क्रिकेट संघ अंपायरिंग पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं जो आपको अंपायरिंग के बुनियादी तत्वों को सिखाते हैं। ये पाठ्यक्रम आपको अंपायरींग परीक्षा के लिए भी तैयार करेंगे।

अंपायरींग परीक्षा पास करें। जब आप अंपायरिंग पाठ्यक्रम पूरा कर लेते हैं, तो आपको अंपायर प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए एक परीक्षा पास करनी होगी। यह परीक्षा आपकी क्रिकेट के नियमों और अंपायरिंग प्रक्रिया के ज्ञान का परीक्षण करेगी।

स्थानीय क्रिकेट मैचों की अंपायरींग शुरू करें। प्रमाणीकृत होने के बाद, आप स्थानीय क्रिकेट मैचों की अंपायरींग शुरू कर सकते हैं। यह आपको अनुभव प्राप्त करने और अंपायरींग कौशल में सुधार करने का अवसर देगा।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर के लिए योग्यता क्या है?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होती हैं:

अंपायरिंग अनुभव: आपको पहले से ही क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग का काफी अनुभव होना चाहिए। आपको अपने क्षेत्र में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के मैचों में अंपायरींग करनी चाहिए ताकि आप अपने कौशल को सुधार सकें।

प्रमाणीकरण कोर्स: आपको अपने क्षेत्र के क्रिकेट संघ या राष्ट्रीय क्रिकेट संघ के द्वारा मान्यता प्राप्त अंपायरिंग प्रमाणीकरण कोर्स पूरा करना होगा। इस कोर्स के माध्यम से आपको क्रिकेट के नियम, अंपायरिंग की प्रक्रिया, और तकनीकों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्राप्त होगा।

परीक्षा की पास: आपको राष्ट्रीय क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित अंपायरिंग परीक्षा में सफल होना होगा। इस परीक्षा में आपका क्रिकेट नियम, अंपायरिंग की प्रक्रिया, और अंपायर कौशल पर जांच की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय मानकों का ज्ञान: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर बनने के लिए, आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मानकों, नियमों, और गाइडलाइन्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आपको विशेष ध्यान देना चाहिए, जैसे कि एलबीडब्ल्यू (एलबीडब्ल्यू) के नियम और दिशानिर्देश।

गुणवत्ता पर ध्यान: आपको अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाली अंपायरिंग प्रदर्शित करनी चाहिए। आपको संगठनशीलता, तकनीकी कौशल, और फैसले लेने की क्षमता में माहिर होना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर बनने के लिए ये योग्यताएं अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ या आपके देश के क्रिकेट संघ के निर्देशों का पालन करना चाहिए और उनकी निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।

क्रिकेट अंपायर की सैलरी कितनी होती है?

क्रिकेट अंपायर की कमाई उनके अनुभव और मैचों के स्तर पर निर्भर करती है। भारत में, शुरुआती अंपायरों की औसत सैलरी 4 लाख रुपये सालाना होती है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरों को प्रति मैच 1500 डॉलर मिलते हैं, साथ ही यात्रा और आवास का खर्च भी उठाया जाता है. दुनिया के टॉप अंपायर एक लाख डॉलर सालाना तक कमा सकते हैं.

सरल शब्दों में कहें तो, एक क्रिकेट अंपायर की सैलरी वार्षिक रूप में कुछ हजार डॉलर से 1,00,000 डॉलर से ज्यादा तक हो सकती है। यह निर्भर करेगा कि उन्होंने किस स्तर के क्रिकेट के लिए अंपायरींग की है और किस देश में अंपायरींग की है।

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निष्कर्ष

क्रिकेट अंपायर बनना एक कठिनाईयों से भरपूर कार्य होता है, लेकिन जब अंपायर अपने ज्ञान, कौशल और अनुभव का सहारा लेते हैं, तो यह सिद्ध हो सकता है कि उनका क्रिकेट अंपायर करियर सफल हो सकता है। अंपायरींग एक मान्यता प्राप्त और आवश्यकतानुसार कार्य है, जो क्रिकेट मैचों में निष्पक्षता के लिए जिम्मेदार होता है।

इस करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए अंपायर को सतर्क रहने, नए नियमों और तकनीकों को समय-समय पर समझने का प्रयास करने और समर्पितता दिखाने की आवश्यकता होती है। अंपायर को नियमों का सटीकता से पालन करना, न्यायपूर्ण और समय पर फैसले लेना और मैच के स्पोर्ट्समैनशिप को सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे वे खुद को महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में साबित कर सकें।

FAQ

मैं अंपायरिंग कैसे शुरू करूं?

एक पेशेवर अंपायर बनने के लिए, आपको एक पेशेवर अंपायर स्कूल में शामिल होना होगा। इस स्कूल का अवधि आमतौर पर पांच सप्ताह होती है। उच्चतम छात्रों को प्रोफेशनल बेसबॉल अंपायर कॉर्पोरेशन द्वारा आयोजित एक सप्ताह के अतिरिक्त मूल्यांकन कार्यक्रम के लिए चुना जाता है।

अंपायर बनना कितना मुश्किल है?

प्रत्येक 100 उम्मीदवारों के लिए, जो कार्यक्रम से स्नातक होते हैं, केवल एक कुशल लीग अंपायर बन सकता है। प्रमुख लीग अंपायर बनना कठिन होता है क्योंकि इसमें कई कारण होते हैं। सबसे मुख्य कारण विशेषतः प्रतिस्पर्धा की भूमिका होती है।

क्रिकेट अंपायर कौन बन सकता है?

भारत में, क्रिकेट अंपायर बनने के लिए, पहले आपको लिखित और मौखिक परीक्षा पास करनी होगी और संबंधित राज्य क्रिकेट संघ में पंजीकरण करना होगा। इसके बाद, आपको अंपायर के रूप में बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए स्थानीय क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग करनी होगी और धीरे-धीरे बीसीसीआई स्तर 1 और स्तर 2 परीक्षाओं को पास करना होगा।

भारत का सबसे अच्छा अंपायर कौन है?

एस रवि, जो अंपायरों में से एक है, ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलने के बावजूद इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2011 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच एकदिवसीय मैच में उन्होंने अंपायरिंग की शुरुआत की। उन्हें वेंकट के बाद दूसरे सबसे अधिक मैच अंपायर के तौर पर कैप्ड होने का गर्व है।

अंपायर की उम्र कितनी होनी चाहिए?

अंपायर की आयु कोई निश्चित सीमा नहीं होती है, हालांकि उम्र के साथ उनकी अनुभव की मांग बढ़ती है। एक अच्छे अंपायर बनने के लिए, सामरिक निष्ठा, शारीरिक तत्परता, और न्यायिक निर्णय लेने की क्षमता महत्वपूर्ण होती हैं, इसलिए आवश्यक है कि अंपायर अपनी तैयारी और दक्षता में ध्यान दें।

अंपायर को कितना पैसा मिलता है?

हर आईपीएल मैच के लिए 1.98 लाख रुपये का भुगतान ऐसे अंपायरों को किया जाता है जो प्रमुख श्रेणी में शामिल होते हैं। दूसरी श्रेणी में स्थित डेवलपमेंट अंपायरों को हर मैच के लिए 59 हजार रुपये प्राप्त होते हैं।

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